Posts

Showing posts from 2009

5 things I Hate & Like about Raj thackeray.

Hate: 1) He is dividing Indians at crucial time when the country needs to stand together against external enemies. 2) He is weakening Hindus by dividing them on regional lines & justifies his actions by citing egs of Mayawati, Lalu, Mulayam etc. 3) He has no original idea. Copies uncle Balasaheb in terms of ideas & style of oratory. 4) Preach, but don’t practice formula. Betrayed political mentor Balasaheb, but talks about loyalty for Maharshtra. Invited Michael Jackson but isn’t ashamed to claim himself as protector of Marathi culture. 5) Fooling people of Maharshtra by fanning emotional issues for personal growth & deviating them from real issues. Like: 1) He is an excellent cartoonist. 2) He has good dressing sense & presents himself before public appropriately. 3) Does good homework & makes detailed study of issues before making a public speech. 4) Has excellent quality of copying others eg.Bal Thackeray.The self righ

दाऊद इब्राहिम के हथियारखाने में सेंध मारने वाला चोर

दाऊद इब्राहिम भले ही अंडरवर्लड का डॉन हो, लेकिन खुद उसका अपना हथियारखाना चोरो से महफूज नहीं है। मुंबई पुलिस ने पकडा है एक ऐसे चोर को जिसने सीधे दाऊद इब्राहिम के हथियारखाने में सेंधमारी। इस चोर के पास से करीब एक हजार जिंदा कारतूस मिले हैं, जिनका इस्तेमाल दाऊद गिरोह करने वाला था। पुलिस के मुताबिक मकसूद खान का पेशा है चोरी। हाल ही में पुलिस ने इसे तब पकडा जब ये कुछ कारतूस बेचने की कोशिश कर रहा था। जब हवालात में इससे कडी पूछताछ की गई तो इसने जो जानकारी उगली उससे पुलिस अधिकारी भी चकरा गये। मकसूद खान को ये कारतूस मिले थे दक्षिण मुंबई के दो टाकी इलाके की एक मिल से। सालों से बंद पडी अहमद उमर मिल का इन दिनों दाऊद गिरोह बतौर हथियारखाना इस्तेमाल कर रहा था। सीधे दाऊद के हथियारखाने पर हाथ मारा था मकसूद खान ने। पकडे जाने पर मकसूद पुलिस की टीम को यहां लेकर आया जहां से पुलिस ने कुछ और कारतूस बरामद किये। मकसूद खान ने न तो कभी डी कंपनी के लिये काम किया था और न ही उसे मालूम था कि यहां कारतूस रखे हैं। वो इस मिल में घुसा था कबाड चुराने के इरादे से, लेकिन इसी दौरान इसके हाथ लग गये कारतूस जो कि मिल के एक कोन

गवली के बाद अब अश्विन नाईक की राजनीति में दस्तक

अंडरवर्लड डॉन अश्विन नाईक भी बनना चाहता है राजेनता और इसलिये जेल से छूटने के बाद वो लगा रहा है राजनेताओं के घरों के चक्कर। इसी सिलसिले में आज उसने शिवसेना का कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। अश्विन नाईक अपनी पत्नी की हत्या समेत तमाम आपराधिक मामलों में जेल में कैद था और चंद महीनों पहले ही उसकी रिहाई हुई। अंडरवर्लड डॉन अश्विन नाईक वैसे तो व्हील चैयर के बिना हिल भी नहीं सकता, लेकिन उसके मंसूबे राजनीति में हडकंप मचाने के हैं। नाईक चाहता है कि वो भी महाराष्ट्र की राजनीति में जोर आजमाईश करे और इसी सिलसिले में उसने मुलाकात की शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से। शिवसेना से वैसे अश्विन नाईक की करीबी नई नहीं है। नाईक की मृत पत्नी नीता नाईक शिवसेना की नगरसेविका यानी कि पार्षद रह चुकीं हैं। पिछले हफ्ते ही खबर आई थी कि नाईक ने एमएनएस नेता राज ठाकरे से मुलाकात की है, लेकिन दोनो लोग इस बारे में खुलकर कुछ नहीं रहे। अश्निन नाईक राजनेताओं के चक्कर क्यों लगा रहा है ? सूत्रों की मानी तो नाईक अब अपने पुराने प्रतिद्वंदवी अंडरवर्लड डॉन अरूण गवली के पैटर्न पर अपना करियर बनाना चाहता है। ग

डायरी 26 नवंबर 2008 (भाग-1)

(26 मई को मुंबई पर हुए आतंकी हमले के 6 महीने पूरे हो रहे हैं। उसीपर आज से 8 भागों में ये लेख) 26 नवंबर की काली रात 26 नवंबर की रात करीब 9.30 बजे होंगे। मैने मोहम्मदअली रोड से सीएसटी रेल स्टेशन के सामने प्रेस क्लब में अपने एक सूत्र से मुलाकात करने के लिये टैक्सी पकडी। टैक्सी कुछ ही मीटर आगे बढी होगी कि तभी एक खबरी का फोन आया – कोलाबा के लिओपोल्ड कैफे में फायरिंग चल रही है। लगता है कि किन्ही ग्रुप्स में झगडा हुआ है, जिसके बाद 2 लोग सब पर फायरिंग कर रहे हैं। अब तक 100 राउंड फायर हो चुके हैं 50 राउंड फायर की बात सुनकर मेरा माथा ठनका। आमतौर पर मुंबई में गैंगवार के चलते हुए शूटआउट्स में भी इतनी गोलियां नहीं चलीं। मामला गैंगवार का नहीं लगता।मैने तुरंत दफ्तर में फोन करके ओबी वैन और एक रिपोर्टर को लिओपोल्ड कैफे की ओर रवाना करने को कहा और टैक्सीवाले को भी वहीं चलने का निर्देश दिया। खबर को कन्फर्म करने के लिये मैं स्थानीय डीसीपी विश्वास नागरे पाटिल को फोन लगाने लगा, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा था। टैक्सी जब क्रॉफर्ड मार्केट के पास एमआरए मार्ग पुलिस थाने के पास पहुंची तो मैने देखा कि कई हथिया

सलीम लंगडे को किसने मारा ?

उसे ये मालूम था कि आतंकी अमेरीकी कंसूलेट को निशाना बनाने वाले हैं। उसी की मदद से इस काम के लिये इंडोनेशिया से आये 2 आतंकियों को पकडा गया। उसे मुंबई में हुए ताजा आतंकी हमले की भी भनक लग चुकी थी, लेकिन इससे पहले कि वो इस राज को जाहिर कर पाता उसे खत्म कर दिया गया। ये कहानी है मुंबई पुलिस के उस खबरी सलीम लंगडे की जो आतंकियों को उनकी साजिश में मदद कर रहा था, लेकिन बीच में ही उसकी वतनपरस्ती ने उसे झकझोरा और उसने सारा कुछ खुफिया एजेंसी के सामने उगल दिया...लेकिन इसकी कीमत उसे अपनी जान देकर चुकानी पडी। सलीम के 3 बच्चे अब अनाथ हो चुके हैं। सालभर पहले ही सलीम और उसकी बीवी की एक सडक हादसे में मौत हो गई...पर क्या वो मौत वाकई में सडक हादसे की वजह से हुई थी या फिर दोनों किसी साजिश का शिकार हुए थे? इस सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश जब हमने की तो कई चौंकानेवाली जानकारी हाथ आई...लेकिन इससे पहले सलीम के काम और उसकी शख्सियत पर एक नजर डालना जरूरी है।अबसे करीब डेढ साल पहले तक दक्षिण मुंबई के कोलाबा की गलियों में घूमने वाले इस शख्स को लोग सलीम लंगडे के नाम से भी जानते थे। एक एक्सीडैंट में उसके पैर में चोट लग ग