हर
साल मुंबई की लोकल ट्रेनों में सफर करने वाले 3 हजार मुसाफिर बेमौत मारे जाते
हैं।मुंबई में बीते हफ्ते लोकल ट्रेन के मुसाफिरों की सिगनल से टकराने से हुई
मौतों ने फिर एक बार सवाल खडा किया है कि लोकल ट्रेन में सफर करना कितना सुरक्षित
है। स्टार न्यूज ने अपनी पडताल में पाया कि जिन कारणों से मुंबई में मुसाफिर
हादसों का शिकार होते हैं उनमें से एक बडा कारण है
कई स्टेशनों पर ट्रेन और प्लैटफॉर्म के बीच खतरनाक गैप।
मुंबई में हमने पहचान
की है 10 खूनी
प्लैटफॉर्म की। ऐसे प्लैटफॉर्म जहां ट्रेनों और
प्लेटफॉर्म के बीच है खतरनाक गैप जिनमें लोग अक्सर चढते उतरते गिर पडते हैं। कई
घायल होते हैं तो कईयों की जान भी चली जाती है। एक
टेप के जरिये हमने जाना
कि इन प्लैटफॉर्म और ट्रेन के बीच कितना फासला है। आमतौर
पर दुनियाभर के तमाम विकसित देश सुरक्षा के लिहाज से ट्रेन और प्लेटफॉर्म
के बीच 6 से 8 इंच की दूरी ही रखते हैं। इसके अलावा हर रेल्वे अपने सभी स्टेशनों
पर एक जैसी ही दूरी रखता है। हर स्टेशन पर प्लेटफॉर्म और ट्रेन के बीच का गैप अलग
अलग नहीं होता, लेकिन एक नजर इस टेबल पर डालिये कि हमने क्या पाया-
Station
|
Platform Number
|
Gap
|
Old/ New rake.
|
Nahur
|
1
|
1ft 3 inches
|
old
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Ghatkopar
|
2
|
1 ft
|
new
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Vidya Vihar
|
2
|
1 ft 3 inches
|
new
|
Kurla
|
3
|
1 ft 4 inches
|
new
|
Wadala
|
4
|
1 ft
|
old
|
Dockyard Road
|
2
|
1 ft 4 inches
|
old
|
2 (Harbour)
|
1 ft 4 inches
|
new
|
|
1 (Main)
|
1 ft
|
old
|
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Bandra
|
3
|
1 ft 5 inch
|
new
|
Dadar (WR)
|
2
|
1 ft 4 inch
|
new
|
एक
रेल हादसे में अपनी दोनो टांगे खो चुके समीर जवेरी अब आर्टीफीशियल पैरों के जरिये
अपनी जिंदगी बिता रहे हैं। जवेरी अब आर.टी.आई के जरिये रेल मुसाफिरों की सुरक्षा
के लिये जंग लड रहे हैं। मध्य और पश्चिम रेल्वे से आरटीआई के जरिये उन्होने साल
2010 के जो आंकडे हासिल किये उनके मुताबिक प्लैटफॉर्म और ट्रेन के बीच के गैप में
गिरने से 91 लोग घायल हुए, जिनमे से
कई ऐसे थे जिन्हें समीर जवेरी की तरह ही हमेशा के लिये अपने हाथ, पैर गंवाने पडे।
8 लोग ऐसे थे जिनकी गैप में फंसकर मौत हो गई।
महिलाओं
और बुजुर्गों के लिये तो इन गैप्स से खतरा रहता ही है लेकिन मानसून के वक्त ये और
भी ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं। प्लैटफॉर्म और ट्रेन के फुटबोर्ड पर फिसलन पैदा
जाती है जिनकी वजह से कोई भी गैप में गिर सकता है।
कई
देशों में ट्रेन और प्लैटफॉर्म के बीच ज्यादा गैप न होते हुए भी मुसाफिरों को
चेतावनी देने वाले बोर्ड लगाये जाते हैं कि वे गैप से सावधान रहें, लेकिन मुंबई के
जो 10 खतरनाक प्लैटफॉर्म हमने आपको बताये वहां
कहीं भी इस तरह की सूचना मुसाफिरों को नहीं दी गई है। हमारी
पडताल से साफ होता है कि मुंबई के रेल स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म की ऊंचाई हर जगह अलग
अलग है और कई जगहों पर ट्रेन और प्लेटफॉर्म के बीच की खाई जानलेवा है।
रेल
प्रशासन ने प्लेटफॉर्म से जुडी शिकायतें मिलने के बाद कुछेक प्लेटफॉर्म को तो
दुरूस्त करवाया लेकिन सेंट्रल और वेस्टर्न लाईंस पर अब भी तमाम प्लेटफॉर्म मौजूद
हैं जो मुसाफिरों के लिये काल बन सकते हैं।