शिवसेना और गवली गैंग : दोस्ती...दुश्मनी...दोस्ती...
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इस बार के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने 2 “ बेटियों ” के खिलाफ अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं। एक बेटी है बीजेपी के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे की सुपुत्री पंकजा और दूसरी है अंडरवर्लड डॉन अरूण गवली की बेटी गीता। शिवसेना ने कहा कि गोपीनाथ मुंडे के सम्मान में वे पंकजा के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतार रहे भले ही बीजेपी इस बार अलग चुनाव लड रही हो। शिवसेना का ये फैसला मुंडे और बाल ठाकरे के रिश्तों के मद्देनजर समझ में आता है, लेकिन मुझे दिलचस्प लग रहा है शिवसेना का अरूण गवली की बेटी गीता के खिलाफ उम्मीदवार न खडा करने का फैसला। मेरी दिलचस्पी के पीछे गवली गैंग और शिवसेना के रिश्तों का वो इतिहास है जिसमें मैने बतौर एक क्राईम रिपोर्टर दोनो को जिगरी दोस्त के तौर पर भी देखा है और जानी दुश्मन की तरह भी। 1995 के विधानसभा चुनाव में एक प्रचार रैली के दौरान शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने बडे गर्व से ऐलान किया- “ कांग्रेस के पास अगर दाऊद इब्राहिम है तो हमारे पास अरूण गवली है ” । ठाकरे की ओर से सार्वजनिक मंच पर बोली गई ये एक लाईन दोनो के रिश्तों के बारे में काफी कुछ कह जाती है। 1993 के मुंबई ...