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Showing posts from June, 2014

चाईनीज फूड और मुंबई

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अबसे 2 दशक पहले तक आम भारतीयों के लिये नूडल्स का मतलब था-मैगी नूडल्स। वो मैगी नूडल्स जिसके विज्ञापन दूरदर्शन पर आते थे और जिसमें दावा किया जाता था कि वो 2 मिनट में तैयार हो जाते हैं। अब दौर है हक्का नूडल्स का, सिजवान नूडल्स का, सिंगापुर नूडल्स का वगैरह वगैरह..। 2 दशक पहले तक चाईनीज फूड (चीनी खाना) मुंबई के सिर्फ धनाढ्य या ऊपरी मध्यम वर्ग के लोगों की पसंद हुआ करता था या ये कहें कि सिर्फ उनकी जेबें ही चाईनीज खाने की इजाजत देतीं थीं। शहर में चाईना गार्डन या फ्लौरा जैसे गिने चुने ही रेस्तरां थे जहां इन वर्गों के लोग चाईनीज फूड का लुत्फ उठाने के लिये जाते थे। 90 के दशक के मध्य में चाईनीज फूड मुंबई के स्टालों पर मिलना शुरू हुआ और धीरे धीरे शहर के खानपान का हिस्सा बन गया। मुंबई में अब शायद ही कोई दक्षिण भारतीय व्यंजन पेश करने वाले उडीपी रेस्तरां हो जिसके मेन्यू में चाईनीज फूड का अलग पन्ना न हो। मंचाऊ सूप, चाऊमीन, ट्रिपल सिजवान, मशरूम मंचूरियन अब घर घर का नाम बन चुके हैं। घर में चाईनीज फूड बनाने के लिये अब शॉपिंग मॉल्स में भी चाईनीज मसालों के अलग सैक्शन खुलने लगे हैं। मुंबई में चाईनी

केदारनाथ : डर के आगे आस्था है !

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बीते हफ्ते केदारनाथ से लौटा। साढे 11 हजार की ऊंचाई पर इस बात की रिपोर्टिंग करने गया था कि बीते एक साल में वहां क्या क्या बदला है ? क्या मंदिर में फिर से शिवभक्तों का तांता लगने लगा है ? सरकारी इंतजाम क्या हैं ? पुनर्निमाण का काम कितना हुआ है और क्या केदारनाथ में फिर पहले जैसी रौनक लौट सकेगी ? गुप्तकाशी के पास फाटा नामक के कस्बे से मैं सिर्फ 8 मिनट में ही हेलिकॉप्टर के जरिये पहुंच गया। वहां एक रात गुजारने के बाद मैने पैदल ही वापस उतरना तय किया। उतरते वक्त कई तरह के भाव मन में थे- आश्चर्य के, दुख के, गुस्से के, प्रशंसा के और उम्मीद के। डर के आग आस्था है। बीते साल केदारनाथ में जो तबाही मची उसकी दिल दहला देने वाली तस्वीरें पूरी दुनिया ने टेलिविजन के जरिये देखीं। उन तस्वीरों को देखकर ऐसा लगा कि प्रकृति की ओर से किये गये इतने बडे नरसंहार के बाद शायद अब लोग केदारनाथ नहीं आयेंगे। जान सबसे बडी चीज है...लेकिन ऐसा हुआ नहीं। केदारनाथ में इन दिनों रोजाना 1 हजार के करीब लोग दर्शन करने आ रहे हैं। 700 लोग पैदल 21 किलोमीटर की चढाई करके और 300 के करीब लोग हेलिकॉप्टर से। ज्यादातर लोग भकि