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Showing posts from January, 2010

विदेश में फंसे दोस्त की मदद करने से पहले करो एक फोन

इंटरनेट के जरिये लोगों को ठगने वाले नाईजीरियाई बदमाशों ने अब निकाला है ठगी का नया तरीका। वे आपका ईमेल अकाउंट हैक करके आपकी एड्रेस बुक से तमाम लोगों को संदेश भेजते हैं कि आप विदेश में हैं, आपका बटुआ गुम हो गया है और मुसीबत से बचाने के लिये आपको एक बडी रकम ऑनलाईन भेजी जाये। जिसने भी इस संदेश पर यकीन किया उसके बैंक बैलेंस को जीरो होते देर न लगी। इन बदमाशों ने हाल ही में मालेगांव बम धमाके की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह और मराठी अखबार लोकसत्ता के संपादक कुमार केतकर के ईमेल अकाउंट हैक करके भी इसी तरह के संदेश भेजे। एडवोकेट गणेश सोवानी फोन पर अपने दोस्तों और शुभचिंतकों को समझाते समझाते थक गये हैं कि वे भारत में ही हैं, लंदन में नहीं और न ही उन्हें पैसों की कोई जरूरत है। दरअसल मालेगांव बम धमाके की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह के वकील सोवानी का ईमेल अकाउंट किसी ने हैक कर लिया। हैक करने के बाद बदमाशों ने सोवानी के अकाउंट में जितने भी लोगो के ई मेल एड्रेस थे उन सब पर एक ईमेल भेजा। ईमेल में लिखा गया था – “ कैसे हैं आप। उम्मीद है आप और आपके परिवार में सब ठीक है। माफ कीजिये मैने आपको एक ट्रिप के लिये

मुंबई में अब कोई नहीं एनकाउंटर स्पेशलिस्ट

प्रदीप शर्मा की गिरफ्तारी के बाद अब मुंबई पुलिस में कोई एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अफसर नहीं बचा है। मुंबई पुलिस को अपने जिन एनकाउंटर स्पेशलिस्टों पर कभी फख्र हुआ करता था वही आज उसकी बदनामी के सबसे बडे कारण बने हैं। शर्मा के अलावा हर एनकाउंटर स्पेशलिसट अफसर किसी न किसी आपराधिक मामले में फंसकर फर्स से बाहर हो गया। विजय सालस्कर: 26-11-2008 को मुंबई पर हुए आतंकी हमले में शहीद हुए विजय सालस्कर ही एकमात्र ऐसे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अफसर थे जिनके खिलाफ उनकी मौत के वक्त कोई बडा आपराधिक मामला नहीं चल रहा था। फर्जी एनकाउंटरों के आरोप सालस्कर पर भी लगे थे, लेकिन गिरफ्तारी की नौबत कभी नहीं आई थी....लेकिन बाकी एनकाउंटर स्पेशलिस्ट इतने खुशनसीब नहीं निकले। दया नायक: विजय सालस्कर और प्रदीप शर्मा के बाद एनकाउंटर स्पेशलिस्टों पुलिसवालों की नस्ल में सबसे बडा नाम था दया नायक। साल 2005 में नायक और उनके 2 दोस्तों को आय से ज्यादा संपत्ति रखने का मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद से करीब 80 एनकाउंटर करने वाले दया नायक फिलहाल स्सपेंड कर दिये गये। एसीबी ने नायक को गिरफ्तार तो कर

अंडरवर्लड : गोलियों की जुबान से गालिब की जुबान तक

गोलियों, गालियों और धमकी की जुबान बोलने वाली डी कंपनी का एक गुर्गा इन दिनों बोल रहा है शेर-ओ-शायरी और कविताओं की जुबान। दाऊद इब्राहिम गिरोह से ताल्लुक रखने वाले इस शख्स ने जेल की सलाखों के पीछे कैद रहकर तैयार किया है एक कविता संग्रह। डॉन के गुर्गे ने शायरियों और कविताओं के जरिये नैनो कार और जेल की जिंदगी से लेकर रोमांस और कॉमेडी तक पर अपनी कलम चलाई है। अंडरवर्लड की जुबान यानी कि मौत की जुबान, धमकी की जुबान, गालियों की जुबान...लेकिन अंडरवर्लड से जुडा होने का आरोपी ये शख्स इन दिनों बोल रहा है मिर्जा गालिब की जुबान...शेर-ओ-शायरी की जुबान। ये शख्स है दाऊद इब्राहिम गिरोह का कथित सदस्य रियाज सिद्धिकी। एक कविता इसने अपनी जेल की जिंदगी पर लिखी है- तकदीर का देखो खेल कि भईया आ गये हम तो जेल जेल के किस्से क्या क्या बताएं, जेल तो भईया जेल बडे बडो की यहां पर आके हो जाती है बुद्धि फेल एक बार जो हत्थे चढा इसके फिर पता न कब होगी बेल तकदीर का देखो खेल कि भईया आ गये हम तो जेल सलाखों के पीछे की अपनी जिंदगी को तो रियाज ने इस कविता के जरिये तो बयां किया ही है, जेल के बाहर की जिंदगी पर भी

डॉन के पालतू...

अंडरवर्लड डॉन छोटा राजन के गुर्गों के साथ पार्टी में रंगरलियां मनाने वाले एसीपी प्रकाश वाणी पर पहले भी गैंगस्टरों से रिश्तों के आरोप लग चुके हैं और उनपर कार्रवाई भी हुई है। इस बार वाणी फिर एक बार पकडे जाने पर निलंबित हुए हैं। वाणी पर तो कार्रवाई हुई है, लेकिन वाणी की तरह ही महाराष्ट्र के पुलिस महकमें और दूसरी एजेंसियों के कई लोग वर्दी में रहकर अंडरवर्लड की काली दुनिया के लिये काम करते आये हैं। एसीपी प्रकाश वाणी की वर्दी रहेगी या जायेगी ये उस जांच की रिपोर्ट के बाद तय होगा जो कि मुंबई पुलिस की क्राईम ब्रांच कर रही है। वाणी पर 25 दिसंबर को चेंबूर के एक क्लब में छोटा राजन के गुर्गे डी.के राव और फरीद तनाशा जैसे गु्र्गों के साथ शराब पीकर नाचने का आरोप है। वैसे अंडरवर्लड के साथ रिश्तों को लेकर वाणी पर लगा ये कोई पहला आरोप नहीं है। 1998 में मुंबई के त्तकालीन पुलिस कमिश्नर रोनी मेंडोंसा ने भी अंडरवर्लड से वाणी के रिश्तों की शिकायत मिलने पर उनका तबादला मुंबई के बाहर करवा दिया था। उस वक्त इंस्पेक्टर रैंक के वाणी के तबादले का आदेश तो आ गया ,लेकिन वाणी राजनीतिक दबाव डलवा कर संयुक्त राष्ट्र के मिशन