विदेश में फंसे दोस्त की मदद करने से पहले करो एक फोन
इंटरनेट के जरिये लोगों को ठगने वाले नाईजीरियाई बदमाशों ने अब निकाला है ठगी का नया तरीका। वे आपका ईमेल अकाउंट हैक करके आपकी एड्रेस बुक से तमाम लोगों को संदेश भेजते हैं कि आप विदेश में हैं, आपका बटुआ गुम हो गया है और मुसीबत से बचाने के लिये आपको एक बडी रकम ऑनलाईन भेजी जाये। जिसने भी इस संदेश पर यकीन किया उसके बैंक बैलेंस को जीरो होते देर न लगी। इन बदमाशों ने हाल ही में मालेगांव बम धमाके की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह और मराठी अखबार लोकसत्ता के संपादक कुमार केतकर के ईमेल अकाउंट हैक करके भी इसी तरह के संदेश भेजे।
एडवोकेट गणेश सोवानी फोन पर अपने दोस्तों और शुभचिंतकों को समझाते समझाते थक गये हैं कि वे भारत में ही हैं, लंदन में नहीं और न ही उन्हें पैसों की कोई जरूरत है। दरअसल मालेगांव बम धमाके की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह के वकील सोवानी का ईमेल अकाउंट किसी ने हैक कर लिया। हैक करने के बाद बदमाशों ने सोवानी के अकाउंट में जितने भी लोगो के ई मेल एड्रेस थे उन सब पर एक ईमेल भेजा। ईमेल में लिखा गया था – “ कैसे हैं आप। उम्मीद है आप और आपके परिवार में सब ठीक है। माफ कीजिये मैने आपको एक ट्रिप के लिये इंग्लैंड के सफर के बारे में नहीं बताया। मुझे आपसे एक मदद चाहिये क्योंकि मैं होटल जाते वक्त अपना पर्स भूल आया हूं। कृपया मुझे 3500 डॉलर्स का एक सॉफ्ट लोन दे दें ताकि मैं होटल के बिल चुका सकूं और वापस घर लौट सकूं। अगर आप मदद कर सकते हैं तो बताइये ताकि मैं पैसे किस तरह भिजवाने हैं उसका ब्यौरा भेज सकूं”
सोवानी ने तुरंत इसकी शिकायत ठाणे पुलिस की साईबर क्राईम सेल से कर दी। तहकीकात में पता चला कि दरअसल इस तरह के ई मेल कुछ नाईजीरियाई ठगों की ओर से रोजाना लाखों की तादाद में भेजे जा रहे हैं। ईमेल पाने वाला अगर मदद करने का इरादा रखता है तो उसे किसी विदेशी बैंक का अकाउंट नंबर दिया जाता है और उसमें ऑनलाईन पैसे ट्रांसफर करने को कहा जाता है। सोवानी के अकाउंट से ईमेल भेजने वालों का इरादा न केवल उनके शुभचिंतकों से 3500 डॉलर की रकम हासिल करना था बल्कि वे सोवानी के शुभचिंतकों का ऑनलाईन अकाउंट नंबर और पासवर्ड भी जान लेते। बेचारा शुभचिंतक सोवानी की मदद के इरादे से 3500 डॉलर तो अपनी मर्जी से देता ही उसके खाते की बाकी की रकम पर भी नाईजीरियाई ठग हाथ साफ कर देते।
गणेश सोवानी की तरह ही मराठी अखबार लोकसत्ता के संपादक कुमार केतकर का भी किसी ने ईमेल अकाउंट हैक कर लिया। केतकर के ईमेल से उनके तमाम शुभचिंतकों को संदेश भेजा गया कि वे विदेश में फंस गये हैं और उन्हें पैसों की जरूरत है। उन्होने भी साईबर क्राईम सेल के पास शिकायत दर्ज कराई है।
इस तरह के मामलों की तहकीकात भी टेढी खीर है क्योंकि आरोपी किसी दूसरे देश में होते हैं, बैंक अकाउंट किसी दूसरे देश का होता है और इसमें कई विदेशी एजेंसियों की मदद लगती है।
जानकारों के मुताबिक इस तरह के फ्रॉड से बचने का एकमात्र तरीका है अपने ईमेल पासवर्ड की सुरक्षा। अगर आप साईबर कैफे किसी ऐसे कंप्यूटर पर अपना ईमेल चैक कर रहे हैं जिसपर कई लोग काम करते हैं तो सावधान रहिये। संदेहास्पद ईमेल के जरिये भी अगर आपसे आपका पासवर्ड मांगा जा रहा है तो न दें।
ईमेल ने हमारी जिंदगी आसान और सुविधाजनक तो बनाई है, लेकिन इस दुनिया में कई ऐसे लुटेरे भी घूम रहे हैं जो कि आपकी जरा सी लापरवाही पर आपको कंगाल बना सकते हैं।
एडवोकेट गणेश सोवानी फोन पर अपने दोस्तों और शुभचिंतकों को समझाते समझाते थक गये हैं कि वे भारत में ही हैं, लंदन में नहीं और न ही उन्हें पैसों की कोई जरूरत है। दरअसल मालेगांव बम धमाके की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह के वकील सोवानी का ईमेल अकाउंट किसी ने हैक कर लिया। हैक करने के बाद बदमाशों ने सोवानी के अकाउंट में जितने भी लोगो के ई मेल एड्रेस थे उन सब पर एक ईमेल भेजा। ईमेल में लिखा गया था – “ कैसे हैं आप। उम्मीद है आप और आपके परिवार में सब ठीक है। माफ कीजिये मैने आपको एक ट्रिप के लिये इंग्लैंड के सफर के बारे में नहीं बताया। मुझे आपसे एक मदद चाहिये क्योंकि मैं होटल जाते वक्त अपना पर्स भूल आया हूं। कृपया मुझे 3500 डॉलर्स का एक सॉफ्ट लोन दे दें ताकि मैं होटल के बिल चुका सकूं और वापस घर लौट सकूं। अगर आप मदद कर सकते हैं तो बताइये ताकि मैं पैसे किस तरह भिजवाने हैं उसका ब्यौरा भेज सकूं”
सोवानी ने तुरंत इसकी शिकायत ठाणे पुलिस की साईबर क्राईम सेल से कर दी। तहकीकात में पता चला कि दरअसल इस तरह के ई मेल कुछ नाईजीरियाई ठगों की ओर से रोजाना लाखों की तादाद में भेजे जा रहे हैं। ईमेल पाने वाला अगर मदद करने का इरादा रखता है तो उसे किसी विदेशी बैंक का अकाउंट नंबर दिया जाता है और उसमें ऑनलाईन पैसे ट्रांसफर करने को कहा जाता है। सोवानी के अकाउंट से ईमेल भेजने वालों का इरादा न केवल उनके शुभचिंतकों से 3500 डॉलर की रकम हासिल करना था बल्कि वे सोवानी के शुभचिंतकों का ऑनलाईन अकाउंट नंबर और पासवर्ड भी जान लेते। बेचारा शुभचिंतक सोवानी की मदद के इरादे से 3500 डॉलर तो अपनी मर्जी से देता ही उसके खाते की बाकी की रकम पर भी नाईजीरियाई ठग हाथ साफ कर देते।
गणेश सोवानी की तरह ही मराठी अखबार लोकसत्ता के संपादक कुमार केतकर का भी किसी ने ईमेल अकाउंट हैक कर लिया। केतकर के ईमेल से उनके तमाम शुभचिंतकों को संदेश भेजा गया कि वे विदेश में फंस गये हैं और उन्हें पैसों की जरूरत है। उन्होने भी साईबर क्राईम सेल के पास शिकायत दर्ज कराई है।
इस तरह के मामलों की तहकीकात भी टेढी खीर है क्योंकि आरोपी किसी दूसरे देश में होते हैं, बैंक अकाउंट किसी दूसरे देश का होता है और इसमें कई विदेशी एजेंसियों की मदद लगती है।
जानकारों के मुताबिक इस तरह के फ्रॉड से बचने का एकमात्र तरीका है अपने ईमेल पासवर्ड की सुरक्षा। अगर आप साईबर कैफे किसी ऐसे कंप्यूटर पर अपना ईमेल चैक कर रहे हैं जिसपर कई लोग काम करते हैं तो सावधान रहिये। संदेहास्पद ईमेल के जरिये भी अगर आपसे आपका पासवर्ड मांगा जा रहा है तो न दें।
ईमेल ने हमारी जिंदगी आसान और सुविधाजनक तो बनाई है, लेकिन इस दुनिया में कई ऐसे लुटेरे भी घूम रहे हैं जो कि आपकी जरा सी लापरवाही पर आपको कंगाल बना सकते हैं।
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