रिपोर्ताज: कश्मीर की खरी खरी तस्वीर...
ये पोस्ट कश्मीर में एक हफ्ता गुजारने के बाद श्रीनगर से मुम्बई की वापसी फ्लाइट में लिख रहा हूँ। अगस्त के दूसरे हफ्ते में सांगली में आयी बाढ़ की रिपोर्टिंग करते वक्त निर्देश आया कि कश्मीर जाना है। 14 अगस्त को कश्मीर पहुंचा। मुम्बई से श्रीनगर की फ्लाइट लगभग खाली ही थी। मेरे और कैमरामैन सचिन शिंदे के अलावा कुछ सरकारी अधिकारी और श्रीनगर में रहनेवाले लोग ही विमान में थे। श्रीनगर एयरपोर्ट पर सहयोगी रिपोर्टर ज्ञानेंद्र लेने पहुंचा जो वहां 20 जुलाई से ही मौजूद था। रास्ते में जगह जगह CRPF और J &K पुलिस की जांच के बाद हम डल गेट इलाके में अपने होटल पहुंचे। श्रीनगर में सड़कों पर सुरक्षाबलों की मौजूदगी हमेशा रही है लेकिन इस बार ये बेहद ज्यादा थी। पुलवामा कांड के बाद फरवरी में मै जब पिछली बार श्रीनगर आया था , माहौल उससे कहीं ज्यादा गर्म नज़र आया। शहर में धारा 144 लगी थी लेकिन उसपर अमल कर्फ्यू की शक्ल में ही हो रहा था। स्कूल , कॉलेज , दुकानें सभी 5 अगस्त के पहले से ही बंद थे। जिस होटल में हम ठहरे वहां लगभग बाकी के सभी न्यूज़ चैंनलों की टीमें भी ठहरीं थीं। सरकार ने मीडिया सेंटर भी वहीं ...