सुनो कमिश्नर। तुम्हारा डंडा यहां नहीं चलेगा !!!
“ खाप पंचायतों को नाहक ही बदनाम किया गया है। ये हमारी संस्कृति का हिस्सा हैं। एक गोत्र में विवाह के विरोध के मामले में मैं खाप पंचायतों के साथ हूं ” । ये बोल हैं मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर डॉ.सत्यपाल सिंह के। बीजेपी के टिकट पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत से चुनाव लड रहे सत्यपाल सिंह , जैसी हवा वैसी दुआ वाली नीति अपना रहे हैं। बतौर क्राईम रिपोर्टर सत्यपाल सिंह को मैने खाकी वर्दी पहने, सुरक्षा कर्मियों से घिरे, मातहतों का सैल्यूट लेते हुए मुंबई में बडे रौब के साथ चलते देखा है। आज उन्ही सत्यपाल सिंह को भगवा शाल पहने, जाटों के बीच ठेठ देहाती बोली बोलते हुए, गन्नो के ढेर के बीच बैठ कर उसके रस की चुस्कियां लेते देखना दिलचस्प अनुभव था। जब सत्यपाल सिंह ने पुलिस की नौकरी से इस्तीफा दिया उस वक्त उनकी सर्विस को और 2 साल बाकी थे, लेकिन जब बीजेपी ने उनके पैदाइशी जिले बागपत से टिकट देने की पेशकश की तो वर्दी उन्हें हल्की नजर आने लगी। सत्यपाल सिंह के साथ इन दिनों उनकी बेटी चारूप्रज्ञा और बेटा प्रक्रेत भी गांव गांव घूमकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। सत्यपाल के मुताबिक वे इलाके के विकास के मुद्...