चाईनीज फूड और मुंबई
अबसे 2 दशक पहले तक आम भारतीयों के लिये नूडल्स का मतलब था-मैगी नूडल्स। वो मैगी नूडल्स जिसके विज्ञापन दूरदर्शन पर आते थे और जिसमें दावा किया जाता था कि वो 2 मिनट में तैयार हो जाते हैं। अब दौर है हक्का नूडल्स का, सिजवान नूडल्स का, सिंगापुर नूडल्स का वगैरह वगैरह..। 2 दशक पहले तक चाईनीज फूड (चीनी खाना) मुंबई के सिर्फ धनाढ्य या ऊपरी मध्यम वर्ग के लोगों की पसंद हुआ करता था या ये कहें कि सिर्फ उनकी जेबें ही चाईनीज खाने की इजाजत देतीं थीं। शहर में चाईना गार्डन या फ्लौरा जैसे गिने चुने ही रेस्तरां थे जहां इन वर्गों के लोग चाईनीज फूड का लुत्फ उठाने के लिये जाते थे। 90 के दशक के मध्य में चाईनीज फूड मुंबई के स्टालों पर मिलना शुरू हुआ और धीरे धीरे शहर के खानपान का हिस्सा बन गया। मुंबई में अब शायद ही कोई दक्षिण भारतीय व्यंजन पेश करने वाले उडीपी रेस्तरां हो जिसके मेन्यू में चाईनीज फूड का अलग पन्ना न हो। मंचाऊ सूप, चाऊमीन, ट्रिपल सिजवान, मशरूम मंचूरियन अब घर घर का नाम बन चुके हैं। घर में चाईनीज फूड बनाने के लिये अब शॉपिंग मॉल्स में भी चाईनीज मसालों के अलग सैक्शन खुलने लगे हैं। मुंबई में चाईनी...