के.पी.रघुवंशी का तबादला: अहसान फरामोशी की मिसाल
एक कर्तव्यनिष्ठ, हिम्मती, ईमानदार और सूझबूझ वाले पुलिस अधिकारी के साथ हमारी राजनीतिक व्यवस्था क्या सलूक करती है उसकी एक मिसाल आज देखने मिली। साथ ही फिर एक बार सत्ताधारी राजनेताओं ने ये साबित कर दिया कि वे Use & throw की गंदी रणनीति में यकीन रखते हैं।महाराष्ट्र Anti Terrorist Squad (ATS) के प्रमुख के.पी.रघुवंशी आज आखिरी बार अपने दफ्तर गये। सरकारी आदेश के मुताबिक उन्होने अपना चार्ज दस्ते के नये मुखिया राकेश मारिया को सौंप दिया। वैसे तो जल्द ही रघुवंशी का तबादला सामान्य तौर पर ATS से होना ही था..लेकिन उनका इस तरह से हटाया जाना काफी चौकानेवाला है...खासकर मेरे जैसे पत्रकारों के लिये जो रघुवंशी को, उनके काम करने के तरीके को और उनकी शख्सियत को कई सालों से जानते हैं। के.पी.रघुवंशी को हटाये जाने की घटना से मुझे दुख भी है और रोष भी। दुख इस वजह से कि एटीएस को दिनरात एक करके खडे करने वाले अफसर को इस तरह से फोर्स से हटाया गया और रोष सत्ताधारी राजनेताओं और अपने ही व्यावयायिक सहयोगियों यानी कि इलेक्ट्रोनिक मीडिया पर। रघुवंशी को एटीएस से सिर्फ एक छोटी सी गलती की वजह से हटना पडा और थोडा गहराई ...