गैंगस्टर फरीद तनाशा की हत्या के बाद अब अंडरवर्लड में ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या छोटा राजन का गिरोह खत्म हो गया है। बीते 10 सालों में राजन के कई खास साथियों ने उससे गद्दारी करके अलग गिरोह बनाया, कुछ दुश्मनों या पुलिस के हाथों मारे गये और कुछ गिरफ्तार हुए। इससे अंडरवर्लड में छोटा राजन की पकड लगातार ढीली पडती गई। फरीद तनाशा उन चंद बचे खुचे गैंगस्टरों में से था जो अब तक छोटा राजन के साथ थे। तनाशा ही इन दिनों मुंबई में राजन गिरोह का काला कारोबार संभाल रहा था। तनाशा की हत्या ने राजन गिरोह के ताबूत में एक और कील ठोंक दी है। अंडरवर्लड में सवाल उठ रहा है कि अब क्या छोटा राजन का खौफ बरकरार रह पायेगा? क्या उसके धमकी भरे फोन कॉल्स से डरकर फिल्मी हस्तियां, बिल्डर और बडे कारोबारी उस तक मोटी रकम पहुंचायेंगे? क्या राजन के कट्टर दुश्मन दाऊद इब्राहिम के लोगों को उससे छुपने की जरूरत पडेगी ? हाल के सालों में राजन गिरोह की जो दुर्दशा हुई है उस पर गौर करें तो जवाब मिलता है नहीं। 15 सितंबर 2000 को राजन पर बैंकॉक में हमला हुआ और तबसे राजन गिरोह ने बिखरना शुरू कर दिया। ये हमला अंडरवर्लड डॉन दाऊद इब्राहिम के ...