स्वार्थी डॉन दाऊद इब्राहिम
अंडरवर्लड डॉन दाऊद इब्राहिम खुदगर्ज है। वो अपने साथियों का इस्तेमाल करके उन्हें उनके हाल पर छोड देता है। ये कहना है मंगलवार को अबू धावी से गिरफ्तार किये गये मुंबई बमकांड के आरोपी ताहिर मर्चंट उर्फ टकल्या का। पहले भी दाऊद के कुछ साथी उसपर यूज एंड थ्रो की नीति अपनाने का आरोप लगा चुके हैं।
ताहिर टकल्या को अपनी गिरफ्तारी से ज्यादा मलाल अपने आका दाऊद इब्राहिम की अनदेखी का है। ताहिर टकल्या पर दाऊद की ओर से रची गई मुंबई बमकांड की साजिश में हिस्सा लेने का आरोप है। पिछले सत्रह सालों से सीबीआई उसे तलाश रही थी। मंगलवार को उसे अबू धाबी से प्रत्यर्पित करके भारत लाया गया। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक हवालात में टकल्या दाऊद इब्राहिम को कोस रहा है। टकल्या के मुताबिक 12 मार्च 1993 के मुंबई बमकांड के बाद कुछ दिनों तक तो दाऊद और उसके साथी टाईगर मेमन ने साजिश में शामिल लोगों की देखभाल की..लेकिन जैसे जैसे वक्त आग बढा दाऊद ने उनकी अनदेखी करनी शुरू कर दी। दाऊद इब्राहिम से रू बरू मिल पाना भी मुश्किल हो गया। एक तो कभी भी पकडे जाने की तलवार सिर पर लटक रही थी उसपर दाऊद ने दाना पानी भी देना बंद कर दिया। ऐसे में टकल्या खुद ही खाडी देशों में यहां वहां भटक कर अपना पेट पाल रहा था।ताहिर का कहना है कि दाऊद बमकांड में साथ देने वाले साथियों की न तो आर्थिक मदद करता था और न ही आपराधिक मामलों में पकडे जाने पर उन्हें छुडाता था। वहीं दूसरी ओर दाऊद के भाई, रिश्तेदार या गैंग के कोई खास सदस्य अगर खाडी देशों में पकडे जाते तो दाऊद अमीर शेखों के नेटवर्क का इस्तेमाल करके उन्हें छुडा लेता था।
ताहिर टकल्या जैसे ही आरोप पिछले साल गिरफ्तार किये गये बमकांड के एक और आरोपी करीमुल्ला खान ने लगाये थे। करीमुल्ला ने बताया था कि दाऊद उन्हें बमकांड के बाद हर महीने 10 हजार रूपये खर्चे के लिये देता था। उसके परिवार को भी पैसे पहुंचाये जाते थे लेकिन कुछ सालों बाद दाऊद ने पैसे देने बंद कर दिये। जब भी वो पैसे मांगता उससे गाली गलौच की जाती और धमकियां दी जातीं। बमकांड की साजिश में साथ देने वाले बाकी लोगों के साथ भी यही सलूक किया गया।
सूत्र बताते हैं कि दाऊद अपने लोगों पर इस वक्त इसलिये ध्यान नहीं दे पा रहा क्योंकि दुनियाभर की एजेंसियों ने पाकिस्तान पर उसकी गिरफ्तारी के लिये दबाव बना रखा है। ऐसे में दाऊद की प्राथमिकता पहले खुद को महफूज रखने की है।
ताहिर टकल्या को अपनी गिरफ्तारी से ज्यादा मलाल अपने आका दाऊद इब्राहिम की अनदेखी का है। ताहिर टकल्या पर दाऊद की ओर से रची गई मुंबई बमकांड की साजिश में हिस्सा लेने का आरोप है। पिछले सत्रह सालों से सीबीआई उसे तलाश रही थी। मंगलवार को उसे अबू धाबी से प्रत्यर्पित करके भारत लाया गया। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक हवालात में टकल्या दाऊद इब्राहिम को कोस रहा है। टकल्या के मुताबिक 12 मार्च 1993 के मुंबई बमकांड के बाद कुछ दिनों तक तो दाऊद और उसके साथी टाईगर मेमन ने साजिश में शामिल लोगों की देखभाल की..लेकिन जैसे जैसे वक्त आग बढा दाऊद ने उनकी अनदेखी करनी शुरू कर दी। दाऊद इब्राहिम से रू बरू मिल पाना भी मुश्किल हो गया। एक तो कभी भी पकडे जाने की तलवार सिर पर लटक रही थी उसपर दाऊद ने दाना पानी भी देना बंद कर दिया। ऐसे में टकल्या खुद ही खाडी देशों में यहां वहां भटक कर अपना पेट पाल रहा था।ताहिर का कहना है कि दाऊद बमकांड में साथ देने वाले साथियों की न तो आर्थिक मदद करता था और न ही आपराधिक मामलों में पकडे जाने पर उन्हें छुडाता था। वहीं दूसरी ओर दाऊद के भाई, रिश्तेदार या गैंग के कोई खास सदस्य अगर खाडी देशों में पकडे जाते तो दाऊद अमीर शेखों के नेटवर्क का इस्तेमाल करके उन्हें छुडा लेता था।
ताहिर टकल्या जैसे ही आरोप पिछले साल गिरफ्तार किये गये बमकांड के एक और आरोपी करीमुल्ला खान ने लगाये थे। करीमुल्ला ने बताया था कि दाऊद उन्हें बमकांड के बाद हर महीने 10 हजार रूपये खर्चे के लिये देता था। उसके परिवार को भी पैसे पहुंचाये जाते थे लेकिन कुछ सालों बाद दाऊद ने पैसे देने बंद कर दिये। जब भी वो पैसे मांगता उससे गाली गलौच की जाती और धमकियां दी जातीं। बमकांड की साजिश में साथ देने वाले बाकी लोगों के साथ भी यही सलूक किया गया।
सूत्र बताते हैं कि दाऊद अपने लोगों पर इस वक्त इसलिये ध्यान नहीं दे पा रहा क्योंकि दुनियाभर की एजेंसियों ने पाकिस्तान पर उसकी गिरफ्तारी के लिये दबाव बना रखा है। ऐसे में दाऊद की प्राथमिकता पहले खुद को महफूज रखने की है।
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