स्टिंग ऑपरेशन
स्टिंग ऑपरेशन की तैयारी टाईम्स औफ इंडिया अखबार ने अगस्त 2004 के पहले हफ्ते में एक खबर छापी थी कि किस तरह से मुंबई के बांद्रा कोर्ट के बाहर शादी और तलाक के फर्जी कागजात बनाने का गोरखधंदा चल रहा है। उस खबर में सरिता नाम की एक महिला का किस्सा भी था कि किसतरह से उसके पति ने उसके कम पढे लिखे होने का फायदा उठाते हुए फर्जी कागजात पर उसके दस्तखत लिये और उसके बच्चे को अपने कब्जे में ले लिया। खबर बडी ही चौंकाने वाली थी।ठीक कानूनके दरवाजे के सामने कानून का मखौल उडाया जा रहा था। कुछ लोगों से बात करने पर पता चला कि ये रैकेट काफी बडा था। जो जानकारी हाथ लगी उसके सामने टाईम्स की रिपोर्ट अधूरी लग रही थी। इस गोरखधंदे के कई और भी पहलू थे जिनका पर्दाफाश किया जा सकता था। मेरा बडा मन कर रहा था कि मैं इस खबर पर काम करूं...पर सवाल ये था कि इसे टीवी की स्टोरी कैसे बनाया जाये और किस तरह इसको पेश किया जाये कि लोग दांतों तले उंगली दबा लें। इस बात की भी चिंता था कि कहां ये स्टोरी टाईम्स की खबर का सामान्य फॉलो अप न लगे। सुबह खबर पढने के बाद मैं ये सब सोच ही रहा था कि मिलिंदजी का फोन आया और फोन पर उन्होने जो कहा वो ...