जेल गैंगवार: डॉन अबू सलेम और मुस्तफा डोसा में सुलह
जिस शख्स ने अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम की ये हालत मुंबई के आर्थर रोड जेल में हुए गैंग वार के दौरान की थी उससे अब सलेम ने हाथ मिला लिया है ।वो शख्स था डॉन दाऊद इब्राहिम का गुर्गा मुस्तफा डोसा ।डोसा पर आरोप है कि उसने एक चम्मच में धार करके सलेम के चेहरे और गले पर हमला किया और उसकी जान लेने की कोशिश की ।उस गैंग वार के साल भर बाद टाडा अदालत में सलेम और डोसा ने एक दूसरे से हाथ मिला कर सबकों चौंका दिया ।
अबू सलेम और मुस्तफा डोसा दोनो की बुधवार को मुंबई की इसी टाडा अदालत में एक साथ पेशी थी ।अपने वकीलों और जज के सामने दोनो एक साथ कटघरे में आए ,एक दूसरे के गले मिले औऱ हाथ मिलाकर फिर से कभी न लड़ने का वादा किया।
अबू सलेम और मुस्तफआ डोसा दोनो 12 मार्च1993 के मुंबई बम धमाके के मामले में टाडा कानून के तहत आरोपी हैं ।1997 तक अबू सलेम दाऊद के लिए काम करता था लेकिन उसके बाद सलेम ने दाऊद गिरोह छोड़कर अपना अलग गिरोह बना लिया ।उसी वक्त से दाऊद और सलेम के गिरोहों के बीच दुश्मनी चल रही थी जो जेल में भी जारी रही ।दाऊद के गुर्गे मुस्तफा डोसा को शक था कि सलेम उसकी हरकतों की जानकारी जेल प्रशासन को दे देता है।इसी बात से खफा होकर उसने 24 जुलाई 2010 को सलेम पर हमला कर दिया ।
कहते है कि राजनीति में हमेशा के लिए कोई किसी का दोस्त या दुश्मन नहीं होता ।दोस्ती और दुश्मनी जैसे रिश्ते जरुरतों के मुताबिक बनते और बिगड़ते रहते हैं ।यही बात अंडरवर्ल्ड पर भी लागू होती है ।आर्थर रोड जेल में हुए गैंग वार के बाद अबू सलेम और मुस्तफा डोसा दोनो को मुंबई के बाहर अलग-अलग जेलों में भेज दिया गया था ।ये बात दोनो को नागवार गुजरी और इसीलिए दोनो ने एक बार फिर हाथ मिला लिया है ।
अबू सलेम नवी मुंबई की तलोजा जेल में है और मुस्तफा डोसा थाणे जेल में है ।दोनो के लिए मुंबई से बाहर रहना काफी तकलीफदेह साबित हो रहा है।रिश्तेदारों और वकीलों से मुलाकात करने में दिक्कतें तो आ ही रही हैं लेकिन इसके साथ साथ दोनो को आर्थर रोड जेल में अपने बने बनाए नेटवर्क की कमी भी खल रही है ।इसीलिए दोनों को आपस में सुलह कर लेने में ही समझदारी नजर आयी ।अब दोनो अदालत से फरियाद करेंगे कि चूंकि उनकी दुश्मनी खत्म हो चुकी है इसलिए फिर से उन्हे मुंबई की आर्थर रोड जेल में भेज दिया जाए।
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