हाई टाईड आने की आशंका !
एक बार फिर कुछ शब्द न्यूज चैनलों पर मुंबईया बारिश के कवरेज को लेकर....
4 दिनों पहले एक राष्ट्रीय चैनल पर लाईव हो रहा था। रिपोर्टर मुंबई के एक समुद्र तट पर खडा था और एंकर उससे बारिश से शहर के जनजीवन पर होने वाले असर को लेकर सवाल पूछ रहा था। अचानक एंकर ने रिपोर्टर से एक सवाल पूछा जिससे मै चौंक पडा – क्या पुणे में भी हाई टाईड आने की आशंका है ?
इस सवाल से मुझे हंसी भी आई और गुस्सा भी।
एंकर महोदय को कौन समझाये कि हाईटाईड कोई भूकंप या चक्रवात नहीं है, जिसके की आने की आशंका हो। ये तो समुद्र में होने वाली दैनिक क्रिया है , जिसका संबंध चांद की गुरूत्वाकर्षण शकित से जुडा है। जिस तरह हम सांसे लेते हैं उसी तरह से समुद्र में रोज ज्वार भाटा आता है। हाई टाईड यानी ज्वार से मुंबई में दिक्कत सिर्फ तब ही होती है जब भारी बारिश के साथ इसका मेल हो जाये। हाई टाईड के वक्त ऊंची लहरें उठतीं हैं और इससे होता ये है कि मुंबई के मल निकासी सिस्टम से जो गंदा पानी समुद्र की ओर जाना होता है वो निकल नहीं पाता और इसकी वजह से शहर में जगह जगह पानी भर जाता है, ट्रेन सेवाओं पर असर पडता है और लोगों को कई तरह की परेशानियां झेलनीं पडतीं हैं। खासकर भारी बारिश वाले जिस दिन 4.50 मीटर से ऊंची लहरें उठतीं हैं उसी दिन मुंबई में दिक्कत होती है।
दूसरी बात कि हाईटाईड पुणे में नहीं आता क्योंकि वहां तो कोई समुद्र है ही नहीं।
उस रिपोर्टर ने एंकर के मूर्खतापूर्ण सवाल को अपने जवाब से संभाल लिया और पूरी बात उसे ऑन एयर समझाई।
बहरहाल, जब तक संपादक टीवी पत्रकारों की बौद्धिक क्षमता आंके बगैर अपने चाटुकारों और कन्याओं को महज उनकी खूबसूरती के आधार पर एंकर बनाते रहेंगे, न्यूज चैनलों पर मनोरंजन के ऐसे मौके आते रहेंगे। वैसे भी अब न्यूज चैनलों पर न्यूज के बजाय सिर्फ मनोरंजन ही तो मिलता है। एऩजॉय द शो।
4 दिनों पहले एक राष्ट्रीय चैनल पर लाईव हो रहा था। रिपोर्टर मुंबई के एक समुद्र तट पर खडा था और एंकर उससे बारिश से शहर के जनजीवन पर होने वाले असर को लेकर सवाल पूछ रहा था। अचानक एंकर ने रिपोर्टर से एक सवाल पूछा जिससे मै चौंक पडा – क्या पुणे में भी हाई टाईड आने की आशंका है ?
इस सवाल से मुझे हंसी भी आई और गुस्सा भी।
एंकर महोदय को कौन समझाये कि हाईटाईड कोई भूकंप या चक्रवात नहीं है, जिसके की आने की आशंका हो। ये तो समुद्र में होने वाली दैनिक क्रिया है , जिसका संबंध चांद की गुरूत्वाकर्षण शकित से जुडा है। जिस तरह हम सांसे लेते हैं उसी तरह से समुद्र में रोज ज्वार भाटा आता है। हाई टाईड यानी ज्वार से मुंबई में दिक्कत सिर्फ तब ही होती है जब भारी बारिश के साथ इसका मेल हो जाये। हाई टाईड के वक्त ऊंची लहरें उठतीं हैं और इससे होता ये है कि मुंबई के मल निकासी सिस्टम से जो गंदा पानी समुद्र की ओर जाना होता है वो निकल नहीं पाता और इसकी वजह से शहर में जगह जगह पानी भर जाता है, ट्रेन सेवाओं पर असर पडता है और लोगों को कई तरह की परेशानियां झेलनीं पडतीं हैं। खासकर भारी बारिश वाले जिस दिन 4.50 मीटर से ऊंची लहरें उठतीं हैं उसी दिन मुंबई में दिक्कत होती है।
दूसरी बात कि हाईटाईड पुणे में नहीं आता क्योंकि वहां तो कोई समुद्र है ही नहीं।
उस रिपोर्टर ने एंकर के मूर्खतापूर्ण सवाल को अपने जवाब से संभाल लिया और पूरी बात उसे ऑन एयर समझाई।
बहरहाल, जब तक संपादक टीवी पत्रकारों की बौद्धिक क्षमता आंके बगैर अपने चाटुकारों और कन्याओं को महज उनकी खूबसूरती के आधार पर एंकर बनाते रहेंगे, न्यूज चैनलों पर मनोरंजन के ऐसे मौके आते रहेंगे। वैसे भी अब न्यूज चैनलों पर न्यूज के बजाय सिर्फ मनोरंजन ही तो मिलता है। एऩजॉय द शो।
Comments
your sincerly
you are right at yr. place but this is news business so everbody is doing this in their own way . but i am entirley agree with y that we are not following the ethicks of journalism.
latikesh , mumbai
http://latikesh.blogspot.com/