मुंबई में बेफिक्र घूम रहा है दाऊद
दाऊद इब्राहिम इन दिनों मुंबई की सडकों पर बेफिक्र घूम रहा है। उसे न तो छोटा राजन से डर है और न ही पुलिस से। वो अपने साथ पंटरों को भी नहीं रखता। लोग भी उससे नहीं डरते... अगर आप समझ रहे हैं कि हम किसी फिल्मी या फिर दाऊद जैसे दिखने वाले किसी शख्स की बात कर रहे हैं तो आप गलत हैं।
आप सोच रहे होंगे कि दाऊद इतना बेखौफ होकर मुंबई में क्यों घूम रहा है, क्या उसने अंडरवर्लड में अपने दुश्मनों से सुलह कर ली है और क्या भारतीय जांच एजेंसियों ने दाऊद के तमाम काले कारनामों की फाईल बंद कर दी है।आखिर माजरा क्या है?
शेक्सपियर ने कहा था कि नाम में क्या रखा है, लेकिन इस व्यकित के नाम ने इसकी जिंदगी में फर्क ला दिया है। मुंबई के मसजिद बंदर इलाके में रहनेवाले इस वय्कित का नाम है दाऊद और अंडरवर्लड वाले दाऊद की तरह ही इसके पिता का भी नाम इब्राहिम ही है, यानी कि ये भी है दाऊद इब्राहिम। 1980 के दशक तक इस शख्स की जिंदगी में सब ठीक ठाक था, लेकिन उसके बाद दाऊद इब्राहिम जब मुंबई अंडरवर्लड का बहुत बडा नाम बन गया और दुबई से बैठ कर अपना कालाकारोबार चलाने लगा तो नतीजतन इस दाऊद की जिंदगी में भी दिक्कतें पेश आनें लगीं। मुंबई पुलिस अपराधी दाऊद के चक्कर में कई बार इनको शक के घेरे में ले लेती। मतदान बूथ पर भी जब ये वोट डालने जाते तो अधिकारी इनका नाम सुनकर चौंक जाते।
इन दाऊद के एक रिश्तेदार दुबई में थे और जिन दिनों मोबाईल फोन का आगमन नहीं हुआ था, ये पीसी बूथ से दुबई फोन करते थे। एक बार इन्हें पता चला कि इनके फोन करने के बाद पुलिस अपराधी दाऊद इब्राहिम का सुराग पाने के लिये उस पीसीओ वाले को ही पकड ले गई।
मुंबई के इस सीधे सादे दाऊद इब्राहिम और पाकिस्तान में छुपे बैठे भगोडे दाऊद इब्राहिम के चरित्र में भले ही जमीन आसमान का अंतर हो, लेकिन दोनो में कई समानताएं भी हैं।
दोनों की उम्र 50 के करीब है। दोनों के पिता का नाम इब्राहिम है, दोनों की बहन का नाम हसीना है, दोनों के 6 भाई हैं, दोनों के एक-एक भाई की असमय मौत हो चुकी है, दोनों महाराष्ट्र के रत्मागिरी जिले के हैं और दोनों की मातृभाषा कोंकणी है। एक और बात भी दोनों में समान है। दोनों का लेना देना पिस्तौल है। एक दाऊद इब्राहिम पिस्तौल से लोगों पर गोलियां बरसवाता है तो मुंबई का ये दाऊद इब्राहिम पहले पिस्तौल रिपेर के निजी कारखाने में काम करता था।
आप सोच रहे होंगे कि दाऊद इतना बेखौफ होकर मुंबई में क्यों घूम रहा है, क्या उसने अंडरवर्लड में अपने दुश्मनों से सुलह कर ली है और क्या भारतीय जांच एजेंसियों ने दाऊद के तमाम काले कारनामों की फाईल बंद कर दी है।आखिर माजरा क्या है?
शेक्सपियर ने कहा था कि नाम में क्या रखा है, लेकिन इस व्यकित के नाम ने इसकी जिंदगी में फर्क ला दिया है। मुंबई के मसजिद बंदर इलाके में रहनेवाले इस वय्कित का नाम है दाऊद और अंडरवर्लड वाले दाऊद की तरह ही इसके पिता का भी नाम इब्राहिम ही है, यानी कि ये भी है दाऊद इब्राहिम। 1980 के दशक तक इस शख्स की जिंदगी में सब ठीक ठाक था, लेकिन उसके बाद दाऊद इब्राहिम जब मुंबई अंडरवर्लड का बहुत बडा नाम बन गया और दुबई से बैठ कर अपना कालाकारोबार चलाने लगा तो नतीजतन इस दाऊद की जिंदगी में भी दिक्कतें पेश आनें लगीं। मुंबई पुलिस अपराधी दाऊद के चक्कर में कई बार इनको शक के घेरे में ले लेती। मतदान बूथ पर भी जब ये वोट डालने जाते तो अधिकारी इनका नाम सुनकर चौंक जाते।
इन दाऊद के एक रिश्तेदार दुबई में थे और जिन दिनों मोबाईल फोन का आगमन नहीं हुआ था, ये पीसी बूथ से दुबई फोन करते थे। एक बार इन्हें पता चला कि इनके फोन करने के बाद पुलिस अपराधी दाऊद इब्राहिम का सुराग पाने के लिये उस पीसीओ वाले को ही पकड ले गई।
मुंबई के इस सीधे सादे दाऊद इब्राहिम और पाकिस्तान में छुपे बैठे भगोडे दाऊद इब्राहिम के चरित्र में भले ही जमीन आसमान का अंतर हो, लेकिन दोनो में कई समानताएं भी हैं।
दोनों की उम्र 50 के करीब है। दोनों के पिता का नाम इब्राहिम है, दोनों की बहन का नाम हसीना है, दोनों के 6 भाई हैं, दोनों के एक-एक भाई की असमय मौत हो चुकी है, दोनों महाराष्ट्र के रत्मागिरी जिले के हैं और दोनों की मातृभाषा कोंकणी है। एक और बात भी दोनों में समान है। दोनों का लेना देना पिस्तौल है। एक दाऊद इब्राहिम पिस्तौल से लोगों पर गोलियां बरसवाता है तो मुंबई का ये दाऊद इब्राहिम पहले पिस्तौल रिपेर के निजी कारखाने में काम करता था।
Comments
(शुक्रिया इस खबर के लिए।)
जहां बिना किसी ठोस आधार के एलियन खिड़कियों से बेडरूम निहार सकते हैं वहां इस दाउद में इतनी सारी समानताएँ तो ओवी वैन तक डिमांड कर रही हैं...